पुण्यार्थम् संस्था द्वारा कच्ची बस्ती में रहने वाले (माधव संस्कार केंद्र) के बच्चों ने 26अगस्त 2025 गणेश चतुर्थी को खास बना दिया है। इन बच्चों ने मिलकर इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं तैयार की हैं, जो पूरी तरह से मिट्टी, आटे और प्राकृतिक रंगों से बनी हैं। कुछ बच्चों ने तो पुराने अखबार और रद्दी सामग्री का भी उपयोग कर सुंदर प्रतिमाएं बनाई हैं।
इस पहल का उद्देश्य न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण है, बल्कि बच्चों को सृजनात्मकता, आत्मनिर्भरता और पारंपरिक मूल्यों से जोड़ना भी है। संस्था द्वारा बच्चों को मार्गदर्शन और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई, परंतु प्रतिमा निर्माण की कल्पनाशीलता और मेहनत बच्चों की अपनी रही।
पुण्यार्थम् संस्था के सचिव संजय कुमार ने बताया, “हम चाहते हैं कि ये बच्चे सिर्फ त्योहार ही न मनाएं, बल्कि उसके माध्यम से अपनी संस्कृति एवं परंपरा भी सीखें। पर्यावरण के प्रति जागरूकता और रचनात्मकता से जोड़ना हमारा उद्देश्य है।”
स्थानीय निवासियों और अभिभावकों ने भी बच्चों के इस प्रयास की सराहना की। कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में वे भी सिर्फ इको-फ्रेंडली गणेश ही स्थापित करेंगे।








